बुधवार 6 नवंबर 2024 - 13:33
मौलाना मुमताज़ अली मरहूम इल्म, ख़ुलूस और इंकेसारी  के पैकर थे।मौलाना तकी अब्बास रिज़वी

हौज़ा / मौलाना मुमताज़ अली की सादगी इल्मियत और अख़लाक़ी अज़मत ने हर दिल में जगह बनाई वह एक ऐसे मार्गदर्शक और उस्ताद थे जिन्होंने न सिर्फ अपने इल्म से बल्कि अपने किरदार से भी रहनुमाई की,उनकी जुदाई से इल्मी और मज़हबी हल्का एक अज़ीम रहनुमा से महरूम हो गया उनकी शख्सियत का ख़ुलूस इंकेसारी और शफक़त हमेशा दिलों में ज़िंदा रहेगी।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,एक रिपोर्ट के अनुसार, इमामिया हॉल दिल्ली के इमाम ए जुमाआ व जमात और इल्मी व तहक़ीक़ी शख्सियत, मौलाना मुमताज़ अली ताब सराह, कल इस दुनिया से रुख़्सत कर गए उनकी अचानक वफ़ात की ख़बर से इल्मी और मज़हबी हल्कों में ग़म की लहर दौड़ गई है।

मौलाना मुमताज़ अली की शख्सियत इंकेसारी, मिलनसारी सादगी और इल्म-व-फज़ल का मोजस्मा थी उनकी वफ़ात को एक दौर का ख़ात्मा और एक अज़ीम नुकसान क़रार दिया जा रहा है।

मौलाना सय्यद तकी अब्बास रिज़वी कलकतवी, नायब सदर अहलेबैत फाउंडेशन ने मौलाना मरहूम की वफ़ात पर ताज़ियती पेग़ाम देते हुए कहा कि यह कोई सोच भी नहीं सकता था कि मौलाना मुमताज़ अली साहब इस तरह अचानक हमसे जुदा हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि मौलाना मुंतज़ा अली साहब एक अज़ीम मुरब्बी उस्ताद और साहिब ए बसीरत शख्सियत थे जिन्होंने हमेशा इल्म-व-अमल और ख़ुलूस व सिदक़त के चराग़ रौशन किए।

मरहूम की वफ़ात पर उनके मुहिब्बीन, मुरीदीन, मुतालिक़ीन और तलबा को ताज़ियत पेश करते हुए तकी अब्बास रिज़वी ने बारगाह ए ख़ुदावंदी में दुआ की कि ख़ुदा मरहूम को अपनी जवार ए रहमत में जगह अता फ़रमाए और उनके दर्जात बुलंद करे।

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